साक्षी सुरक्षा योजना 2022
Short Info:-आए दिन हमारे देश में दिन प्रतिदिन कई प्रकार की अपराधिक गतिविधियां बढ़ती ही जा रही है। इस वजह से इस देश की जनता परेशान और हैरान नजर आती है। कई बार लोगों को परेशानी का इस हद तक सामना करना पड़ता है कि वे किसी भी प्रकार की अपराधिक गतिविधि के बचाव में सामने नहीं आ पाते और कई बार ऐसे लोगों को विरोधी लोगों से धमकी का सामना करना पड़ता है जिस वजह से लोग डर जाते हैं। राज्य के नागरिकों को एक सुरक्षा मुहैया कराने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने साक्षी सुरक्षा योजना की शुरुआत की है। आज हम आपको साक्षी सुरक्षा योजना के बारे में विस्तृत से जानकारी देने वाले हैं ताकि आपको किसी भी प्रकार की दिक्कत का सामना ना करना पड़े।
साक्षी सुरक्षा योजना 2022:- अभी अभी कुछ समय पहले ही इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तरप्रदेश के मुख्य सचिव को यूपी में Sakshi Suraksha Yojana 2018 लागू करने का निर्देश दिया है। देश के सुप्रीम कोर्ट व राज्यों के उच्च न्यायालयों में साक्षी की सुरक्षा हमेशा से ही प्राथमिकता में रही है। न्यायालयों ने अनेक मामलों में शिकायत कर्ता तथा आपराधिक केस के गवाहों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है। गवाहों व शिकायतकर्ताओं को संभावित खतरे को देखते हुये ही देश भर के सभी राज्यों में साक्षी सुरक्षा योजना लागू है
साक्षी सुरक्षा योजना के उद्देश्य
Sakshi Suraksha Yojana को लागू करने का उद्देश्य है कि देश के सभी राज्यों के गवाह व शिकायतकर्ता बिना किसी धमकी अथवा प्रतिहिंसा से निडर होकर विधि प्रवर्तन संस्थाओं तथा जांच अधिकारियों के साथ न्यायिक प्रक्रिया में सहयोग कर सकें।इस योजना का एक उद्देश्य यह भी है कि आपराधिक मामलों की जांच, और साथ हि साथ अभियोजन और विचारण केवल इस कारण से पक्षपात पूर्णं न हो जायें कि संबंधित केस के शिकायतकर्ता / गवाह हिंसक व अन्य आपराधिक प्रत्यारोपण के जरिये गवाही प्रभावित करने से रोका जा सके। यदि किसी केस में शिकायतकताओं / गवाहों को दूसरे पक्ष के द्धारा डराया व धमकाया जाता है, तो साक्षी सुरक्षा योजना 2018 के तहत उन की सुरक्षा का दायित्व राज्य सरकार तथा जिलों के पुलिस अधिक्षकों को वहन करना होगा।
साक्षी सुरक्षा योजना 2022 गवाहों के लिए कैसे काम करती है?
1-इस योजना में यदि साक्षी / शिकायतकर्ता / गवाह को किसी भी प्रकार से डराया अथवा धमकाया जा रहा है, तो साक्षी सुरक्षा योजना के तहत गवाह / साक्षी को पुलिस की सुरक्षा में न्यायालय कक्ष तक लाया जाता है।
2-खासकर यदि यह संभव नहीं है तो साक्ष्य / गवाही रिकार्ड करने के लिये आधुनिक टेक्नोलॉजी के संचार माध्यमों से का उपयोग किया जाता है।
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