अग्निपथ योजना की घोषणा के एक दिन बाद भारतीय सेना ने बुधवार को कहा कि वह आने वाले महीनों में 40,000 सैनिकों की भर्ती करेगी। उप थल सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने कहा कि 180 दिनों में 25,000 अग्निवीरों की भर्ती होगी। बाकी 15,000 की भर्ती प्रक्रिया एक महीने बाद शुरू होगी। भर्ती अभियान देश के सभी 773 जिलों में चलाया जाएगा।
लेफ्टिनेंट जनरल राजू ने कहा कि रक्षा मंत्री के पास परिचालन आवश्यकताओं के अनुसार जरूरी परिवर्तन करने का अधिकार है।
अग्निपथ’ योजना को देश के सामने आने वाली भावी सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए ज्यादा फिट और युवा सैनिकों की भर्ती की खातिर दशकों पुरानी चयन प्रक्रिया में एक बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। भर्ती ‘अखिल भारत, अखिल वर्ग’ आधार पर होगी, जो कुछ रेजिमेंट की संरचना को बदलने के लिए निर्धारित है।
नौसेना 3000 की भर्ती करेगी
नौसेना अग्निपथ योजना के तहत इस साल 3,000 अग्निवीरों की भर्ती करेगी। पश्चिमी नौसेना के कमांडर-इन-चीफ वाइस एडमिरल अजेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि स्वीकृत संख्या के आधार पर उम्मीदवारों की संख्या बढ़ाई जाएगी। योजना नई है और हमें खुद को इसके अनुकूल बनाना होगा। वायुसेना 3,500 की भर्ती करेगी। यह पहले वर्ष की संख्या है। सिंह ने उम्मीद जताई कि कार्मिकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
अग्निवीर बेहतर इंसान बनेंगे :
वायुसेना के एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को कहा कि अग्निवीर चार साल की सेवा के बाद आत्मविश्वास से लबरेज और कहीं अधिक बेहतर इंसान होंगे। दक्षिण-पश्चिम वायुसेना कमान के प्रमुख (एयर ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ) एयर मार्शल विक्रम सिंह ने कहा कि वायुसेना प्रमुख ने महिलाओं को भी शामिल करने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा हम जितने अच्छे इंसान को लाएंगे, उससे कहीं बेहतर इंसान समाज को लौटाएंगे।